


आज 30 अक्टूबर 2025 को जे. ए. बी. गर्ल्स स्कूल,पाकबड़ा मुरादाबाद के द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि हाल ही में सोशल मीडिया, कुछ न्यूज चैनलों एवं अखबारों में हमारे शिक्षण संस्थान जे. ए. बी. गल्र्स स्कूलके संबंध में एकतरफा एवं भ्रामक समाचार प्रकाशित किए गए हैं। इस संदर्भ में, जे. ए. बी. नास स्कूल के लिए यह आवश्यक है कि वह अपना पक्ष पुलिस प्रशासन सहित आम जनता के समक्ष रखे,ताकि इस पूरे प्रकरण की सच्चाई सबके सामने आ सके।
हमारा शिक्षण संस्थान जे. ए. बी. गर्ल्स स्कूल पिछले 25 वर्षों से छात्राओं को सुरक्षित वातावरण में, योग्य शिक्षकों के मार्गदर्शन और श्रेष्ठ शैक्षणिक माहौल में शिक्षा प्रदान कर रहा है। हमारे संस्थान में चंडीगढ़, पंजाब के एक परिवार ने अपनी 13 वर्षीय बेटी का 20 अप्रैल 2024 को प्रवेश कराया था। (नोट: यह मदरसा नहीं, बल्कि सामान्य शिक्षण संस्थान है जो यूपी बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त है।) प्रवेश के समय छात्रा के माता-पिता की जानकारी के साथ ही एक अन्य रिश्तेदार महिला का मोबाइल नंबर और विवरण भी विद्यालय रिकॉर्ड में दर्ज कराया गया था।
छात्रा नियमित रूप से अध्ययन करती रही और वार्षिक परीक्षा उत्तीर्ण कर वर्ष 2025 में कक्षा सात से कक्षा आठ में प्रवेश कर चुकी थी। दिनांक 16 जुलाई 2025 को छात्रा के पिता विद्यालय आए और आपात स्थिति दर्शाकर लिखित आवेदन देकर छात्रा को सात दिन की छुट्टी पर अपने साथ ले गए।
छात्रा छुट्टी पूरी होने के बाद भी विद्यालय नहीं लौटी और न ही अभिभावकों की ओर से विद्यालय को किसी भी माध्यम से इसकी जानकारी दी गई। छात्रा के अपने पिता के साथ छुट्टी पर आने के तीन दिन बाद.19 जुलाई 2025 को छात्रा की माता का फोन आया, जिसमें उन्होंने छात्रा की पढ़ाई और कुशलक्षेम के बारे में जानकारी मांगी।
तब स्कूल स्टाफ श्रीमती रहनुमा ने बताया कि छात्रा को उनके पिता सात दिन की छुट्टी पर लेकर गए हैं। यह सुनकर छात्रा की माता नाराज हुई और उन्होंने कहा कि बिना उनकी जानकारी के छात्रा को पिता के साथ नहीं भेजा जाना चाहिए था। इसके बाद छात्रा की एक अन्य रिश्तेदार महिला ने भी कॉल कर छात्रा के पिता और माता के आपसी मतभेद का जिक्र किया और कई आरोप लगाए।
दिनांक 21 अगस्त 2025 को छात्रा अपनी माता के साथ विद्यालय पहुँची और छात्रा को हॉस्टल भेजने का अनुरोध किया गया। विद्यालय कार्यालय ने उन्हें बताया कि छात्रा की अनुपस्थिति 35 दिन से अधिक हो चुकी है और बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहने के कारण उसका नाम नियमानुसार विद्यालय से हट चुका है। उन्हें यह भी बताया गया कि पुनः प्रवेश के लिए सभी प्रक्रिया पूरी करनी होगी तथा पुनः प्रवेश शुल्क भी देना होगा।
छात्रा की माता ने बताया कि छात्रा को तबीयत खराब थी, जिस कारण इतनी लंबी छुट्टी हो गई। विद्यालय ने नियमानुसार एम. बी. बी. एस डॉक्टर द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र (Medical Certificate) प्रस्तुत करने को कहा,जिससे प्रक्रिया पूरी की जा सके। छात्रा की माता ने बताया कि छात्रा लंबी बीमार थी जिस कारण इतनी लंबी छुट्टी हो गई। विद्यालय ने नियमानुसार एम.बी.बी.एस डॉक्टर द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र (Medical Certificate) प्रस्तुत करने की कहा, ताकि प्रक्रिया पूरी की जा सके। उसका परिवार स्थानीय न होने के कारण संभवतः चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर सका और बिना आवश्यक हसरीवेज के पुनः प्रवेश की मांग पर अड़ा रहा। विद्यालय ने नियमानुसार बिना आवश्यक दस्तावेज़ पूरे किए प्रवेश देने से इंकार कर दिया। इसके बाद छात्रा के पिता ने भी छात्रा की मां के फोन से स्कूल स्टाफ से बात की,और बात बढ़ते-बढ़ते अभद्रता तक पहुँच गई। छात्रा की मां के अनुरोध पर विद्यालय ने नियमानुसार टी. सी. (Transfer Certificate) जारी कर दी। टी.सी. मिलने के बाद छात्रा की मां ने अपने किसी परिचित को कॉल किया, और उधर से जो बात बताई गई,छात्रा की मां ने उन्हें बोल-बोलकर छात्रा से विद्यालय के फीडबैक फॉर्म पर लिखवा दिया। जिसे स्कूल प्रबंधन ने गोपनीयता से अपने रिकॉर्ड में सुरक्षित रख लिया था। छात्रा के पिता ने ही सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर स्कूल के बारे में भ्रामक प्रचार-प्रसार किया है।
विद्यालय के स्टाफ ने छात्रा या उसकी माता से ऐसा कुछ नहीं लिखवाया, जैसा कि मीडिया में यह दिखाया या छापा जा रहा है कि विद्यालय ने छात्रा या उसके परिजनों से ‘वर्जिनिटी सर्टिफिकेट’ मांगा था। यह आरोप पूर्णतः झूठर निराधार और भ्रामक है। हमारा संस्थान पिछले 25 वर्षों से ‘बेटी पढ़ाओ अभियान की भावना के साथ शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है। वर्तमान में हमारे हॉस्टल में लगभग 450 से अधिक छात्राएँ सुरक्षित, स्वच्छ और प्रेरणादायक वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर रही है। अब तक हमारे संस्थान पर इस प्रकार का कोई भी आरोप कभी नहीं लगा है। हम शिक्षा, संस्कार और सुरक्षा इन तीन मूल सिद्धांतों पर सच्चाई और ईमानदारी से कार्य करते हैं। हम सभी अभिभावकों, समाज के बुद्धिजीवियों और जागरूक नागरिकों से अनुरोध करते हैं कि ऐसी अफवाहों और द्वेषपूर्ण दुष्प्रचारों पर विश्वास न करें। इनसे न तो हमारा मनोबल प्रभावित होगा,न ही हमारा शिक्षण कार्य रुकने वाला है। हमारा पुलिस प्रशासन पर पूर्ण विश्वास है कि वह इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर सच्चाई को सामने लाएगा। साथ ही, विद्यालय ने अपनी आंतरिक जांच (Internal Enquiry) भी प्रारंभ कर दी है और इस पूरे मामले में जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी, वह नियमानुसार की जाएगी। अंत में, हम एक बार पुनः स्पष्ट करते हैं कि हमारे संस्थान के किसी भी कर्मचारी द्वारा कभी भी किसी छात्रा या अभिभावक से ‘वर्जिनिटी सर्टिफिकेट नहीं मांगा गया था, जैसा कि कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा दिखाया या बताया जा रहा है ।

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