


गुरुवार 16 अक्टूबर 2025 को बड़ी संख्या में “भीम वाहिनी भारत एकता मिशन” के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष विरेन्द्र कुमार भारती जी के साथ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पर पहुंचे जहाँ हाल की दो गंभीर घटनाओं हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध आत्महत्या,भारत के मुख्य न्यायाधीश माननीय बी. आर. गवई जी पर न्यायालय परिसर में जूता फेंकने की घटना दोनों पर गहरी चिंता और आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ये दोनों घटनाएँ भारतीय न्याय व्यवस्था, संविधानिक मूल्यों और सामाजिक समानता की भावना पर सीधा प्रहार हैं।
ज्ञापन मुरादाबाद जिला अधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को भेजा गया जिसमें वाई. पूरन कुमार आत्महत्या प्रकरण पर भारती ने कहा कि यह केवल एक अधिकारी की मौत नहीं, बल्कि न्याय और समानता के आदर्शों पर प्रश्नचिह्न है।
मिशन ने राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन भेजकर माँग की न्यायिक आयोग गठित कर जातिगत उत्पीड़न की निष्पक्ष जांच हो,दोषियों को निलंबित कर SC/ST Act, 1989 के अंतर्गत कार्रवाई की जाए ।परिवार को कानूनी संरक्षण व आर्थिक सहायता दी जाए,पुलिस विभाग में “Caste Discrimination Monitoring Cell” बनाया जाए मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई जी पर हमला यह घटना न केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि भारत की न्यायपालिका और लोकतंत्र की गरिमा पर हमला है। आगे मांग करते हुए कहा घटना की निष्पक्ष न्यायिक जांच हो,
यदि जातिगत या सांप्रदायिक प्रेरणा है तो SC/ST Act के अंतर्गत कार्रवाई हो,सुप्रीम कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। अधिवक्ताओं में संवैधानिक आचार-संहिता व नैतिक प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए,भीम वाहिनी भारत एकता मिशन का संकल्प हम किसी भी प्रकार के जातिगत भेदभाव,अन्याय, या संवैधानिक संस्थाओं के अपमान को सहन नहीं करेंगे। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के समानता, न्याय और बंधुत्व के सिद्धांत ही हमारे मिशन का आधार हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती पूनम सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती अलका गौतम, मण्डल अध्यक्ष अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ नसीम अहमद, मंडल अध्यक्ष अधिवक्ता प्रकोष्ठ यदुल सहाय, आशीष सागर,दीपक एवं अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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