


जब से तेज तर्रार नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने मुरादाबाद नगर निगम का कार्यभार ग्रहण किया है तब से वह लगातार आए दिन अपने आलीशान ऑफिस से बाहर जाकर नगर में किए जा रहे विकास कार्यों के निरीक्षण एवं महानगर में कुछ नया करने की अभिलाषा के साथ कार्य तो रहे हैं और नगरवासियों को भी संदेश देने के दौरान कहते हैं कि नगर निगम आपकी सेवा में सदैव तत्पर है लेकिन सेवा भाव का यह पाठ नगर आयुक्त महोदय जेई किशन लाल को नहीं पढ़ा पाए जिस कारण जेई साहब के मन में जनता के प्रति समस्याओं का समाधान करने को सेवा भाव नजर नहीं आता ।जबकि शासन प्रशासन विभागों के कर्मचारियों व अधिकारियों को जनता के प्रति जागरुक करते हुए निर्देशित करता है कि अपने कर्तव्य का निर्वहन कर जनता की समस्याओं का समाधान प्रमुखता से करते रहें । नगर आयुक्त महोदय के द्वारा जेई साहब को सेवा भाव का पाठ ना पढ़ाने से जेई महोदय शासन प्रशासन की उमीदों पर पानी फेर रहे हैं । जनता की समस्या के समाधान का पाठ नही पढे होने से यह इतनी लापरवाही और मनमर्जी से कार्य करते हैं कि शिकायकर्ता अपनी समस्या का समाधान कराने के लिए निवेदन करते करते ऊब जाता है पर जेई साहब समस्या का समाधान नहीं करते यहाँ तक कि इनके उच्च अधिकारीगण भी इन्हें उस कार्य के लिए निर्देशित करते हैं लेकिन यह अपने उच्च अधिकारीगणों के निर्देश को भी नहीं मानते । जिससे शिकायकर्ता की समस्या जस की तस बनी रहती है । जेई किशनलाल से जुड़ा ऐसा ही मामला
महानगर के लाइन पार वार्ड नंबर 22 मंडी समिति रोड़ ढक्का की पुलिया के पास का है जहां जनवरी 2025 में एक रास्ता बनाने के लिए नाली का निर्माण कराया गया था परंतु ऐसे मन माफिक और लापरवाह ठेकेदार को इसका जिम्मा सोपा गया जो एक गली के सामने पुलिया बिना बनाए भाग गया इस पुलिया को बनाने के लिए क्षेत्र के कुछ लोगों ने ठेकेदार के नुमाइंदों, सुपरवाइजर मनोज,जेई किशन लाल आदि लोगों से आग्रह किया लेकिन समस्या के समाधान के पाठ से अनपढ़ जेई साहब समाधान करने की जहमत नहीं उठा सके । इनके बाद एई साहब, एक्सईएन व अपर नगर आयुक्त से भी समस्या के समाधान को आग्रह किया गया जिस पर इन उच्च अधिकारीगणों ने जेई साहब को नाली पर पुलिया का निर्माण व सड़क की साइटों में टेल्स लगाने को भी बोला लेकिन जी साहब ने टाइल्स के लिए टेंडर ना होना बताया पुलिया बनाने की हामी भरी पर एक माह तक शिकायत करता ने चक्कर काटे और निवेदन किया लेकिन वह भी नहीं बनवाई । इसलिए यह कहना अनुचित नहीं होगा कि जेई साहब को नगर आयुक्त साहब ने जनता की समस्या के समाधान व सेवा भाव का पाठ ही नहीं पढ़ाया ।
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